
सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माता सीता के भव्य मंदिर की आधारशिला रखी। इस मंदिर को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। यह मंदिर 67 एकड़ में फैला हुआ है। इस परिसर का कार्य अगले 11 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।
सीतामढ़ी में जानकी मंदिर क्यों?
जनकपुर (नेपाल) को देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है, लेकिन बिहार का पुनौरा धाम वह स्थान है जहां पौराणिक मान्यता के अनुसार सीता जी का प्राकट्य हुआ था। राजा जनक के हल चलाते समय भूमि से एक कलश में कन्या प्रकट हुई थी, जिन्हें उन्होंने सीता नाम दिया। यही स्थान आज माता सीता की जन्मस्थली के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है।
882 करोड़ की परियोजना का खाका
इस मंदिर को बनाने में 882 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इस पैसे में से कहां कितना खर्च होगा इसके बारे में मैंने नीचे दिया है।
- ₹137 करोड़ – पुराने मंदिर और परिसर के विकास पर
- ₹728 करोड़ – पर्यटन सुविधाओं के विकास पर
- ₹16 करोड़ – 10 वर्षों का रखरखाव
इस परियोजना का संचालन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) करेगा।
नौ सदस्यीय ट्रस्ट और भूमि अधिग्रहण
राज्य सरकार द्वारा ‘श्री जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम मंदिर न्यास समिति’ को 17 एकड़ ज़मीन के साथ-साथ 50 एकड़ जमीन अतिरिक्त दी जा रही है।
भव्य मंदिर परिसर की विशेषताएं
मंदिर के परिसर को भव्य अतिभव्य बनाने के लिए बहुत कुछ जोड़ा जाएगा।
- परिक्रमा पथ, यज्ञ मंडप, संग्रहालय
- सीता वाटिका, लव-कुश वाटिका
- धर्मशाला, कैफेटेरिया, पार्किंग
- बच्चों के लिए खेलने का क्षेत्र
पुनौरा धाम को अयोध्या धाम (400 किमी दूर) से रेल और सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा।